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माँ तो माँ है…इसकी तुलना में कोई नहीं आ सकता…..
आज इस पवित्र मदर्स डे के इस मौके पर मुझे मेरी माँ की याद आ गई…बहुत कम समय मिला हे उसके सानिध्य में रहनेका..
मेरी माँ को गुजरे हुए आज ३१ साल हो गए…जब में बहुत छोटी थी…आज भी उसकी धुंधली तस्वीर याद हे..
वो खुद एक शिक्षक थी…एक माँ और ऊपर से शिक्षक होना…
घरमें स्वयं शिस्तका माहोल था…
में एक दिन स्कूल से छूटकर माँ को बताये बिना…मेरी सहेली के घर चली गयी..रोज १२.३० को घर चली जाती थी..पर उस दिन लेट हो गई..में घर में १.०० बजे आई..
माँ ने पूछा…इतनी देर क्यू हुई..?
मेने कहा…मेरी एक सहेली के घर पर गई थी..
सहेली की बात सुनते ही माँ ने गाल peचांटा मार दिया..और कहा देख पारुल ..आजके बाद ना कोई सहेली चाहीये ना सहेला…
में अवाक् रह गई..उस दिन से मेने सहेली रखना छोड़ दिया…
आज संजोगोवाशत मुझे अकेले रहना पड़ा हे..लेकिन फिर भी माँ के बताये रश्ते पर में चलती हु..आज भी मेरी जिंदगी में ना कोई सहेली हे ना सहेला..
बस..अपना काम और जॉब.
आज मदर्स डे के पर मेरी माँ की याद आई और मेने एक घटना बता दी..माँ को में बहुत प्रिय इसलिए थी..की मेरे पञ्च भाइयो के जनम के बाद माँकी बहुत इच्छा थी की उससे एक बेटी हो…तो उसने मुझे मन्नत से पाया था..फिर भी शिस्त के मामले में वो प्यार को बाजु पर रख देती थी..
आज मेरी माँ नहीं हे.. भगवान उसकी आत्मा को शांति दे..और मेरे प्रत्येक जन्मो में वो ही मेरी माँ बनके आये..में बार बार उसकी ही कोख से जनम लू……
तू कितनी अच्छी हे,
तू कितनी भोली हे….
प्यारी प्यारी हे….,
ओ माँ……….ओ माँ……..ओ माँ…..
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